शास्त्रों में वर्णित स्वर्ण भस्म, रजत भस्म तथा अश्वगंधा, शतावर, श्वेत मूसली के अमूल्य उपयोग।
1. संभोग में पूर्ण संतुष्टि न मिलना।
2. अत्यधिक संभोग के कारण शरीर में कमजोरी।
3. हृदय, मस्तिष्क तथा मांसपेशियों की कमजोरी
4. उत्तेजना की कमी आदि रोगों में लाभकारी।
अनमोल वीर्य पौष्टिक चूर्ण (स्वर्ण व रजत) में स्वर्ण भस्म के साथ रजत भस्म का भी प्रयोग किया जाता है। अतः बाजार में समान नामों से उपलब्ध सभी उत्पादों की तुलना में अनमोल वीर्य पौष्टिक चूर्ण (विशेष) सर्वश्रेष्ठ व उत्तम औषधि है, क्योंकि यह स्वर्ण व रजत दोनों का मिश्रण है तथा बहुमूल्य जड़ी-बूटियों से निर्मित आयुर्वेद के शास्त्रों पर आधारित एकमात्र सुरक्षित औषधि है।
नोट: शीघ्र राहत के लिए अनमोल शबाब अवलेह का प्रयोग इसके साथ तथा अनमोल पाचन रस का प्रयोग भोजन के बाद करें।
मात्रा: 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ या चिकित्सक की देखरेख में लें।